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Tuesday, February 15, 2022
Monday, February 14, 2022
B.Ed. Previous Question Paper CCS University E-102
Saturday, February 12, 2022
Defence Mechanism(रक्षा युक्तियाँ):-
फ़्रायड ने रक्षा युक्ति शब्द उन युक्तियों के लिए किया है जिन्हें व्यक्ति बाह्य खतरों की आशंकाओं तथा आन्तरिक प्रेरकों से होने वाली चिंताओं से बचने के लिए अचेतन प्रक्रिया के माध्यम से वास्तविकता को झुठलाते हुए अपनाता है।
-ये रक्षा युक्तियाँ खतरे को नही बदल पाती है लेकिन ये खतरे के प्रति व्यक्ति की सोच को बदल देती हैं।
-मॉर्गन तथा किंग के अनुसार-"रक्षा युक्तियाँ सामान्यतया वे मान्य तरीके हैं जिनके द्वारा व्यक्ति तनाव से मुक्ति पाता है।"
Defence Mechanism are the generally accepted ways of looking at how people handle stress._Morgan&King
-रक्षा युक्तियाँ दो प्रकार की होती है:-
(1)मुख्य युक्तियाँ(Major Mechanism)-ये मनोरचनाएँ व्यक्ति के तनाव या संघर्ष को पूर्ण या आंशिक रूप में स्वयं समाप्त करने में सक्षम होते है।इनमें मुख्य रूप से दमन,शमन,प्रतिक्रिया-निर्माण, प्रत्यागमन,युक्तिकरण, उदात्तीकरण ,रूपांतरण एवं विवेकीकरण करण आते हैं
-गौण युक्तियाँ(Minor Mechanism):-ये युक्तियाँ व्यक्ति के तनाव तथा संघर्ष को दूर करने में स्वयं तो सक्षम नही होती हैं लेकिन तनाव दूर करने में मुख्य युक्तियों की सहायता करती है। इस श्रेणी में प्रक्षेपण ,विस्थापन, प्रत्याहार, क्षतिपूर्ति, वास्तविकता से पलायन ,स्थानांतरण आदि प्रमुख है
प्रमुख रक्षा युक्तियाँ:-
(1)दमन(Repression)- जब कोई विचार चेतन में उत्पन्न होता है तो या तो उसे व्यक्त कर दिया जाता है या उसका दमन कर दिया जाता है। दमन संघर्षों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है ।दमन में पीड़ा से बचने की भावना निहित होती है तथा दमन हम उन्हीं विचारों या इच्छाओं का करते हैं जिन्हें हम व्यक्त नहीं कर पाते।
उदाहरण -एक युवक ऐसी लड़की की और आसक्त हो जाता है जो रिश्ते में उसकी बहन लगती है। अतः सामाजिक दृष्टि से उसके साथ यौन संबंध बनाना नैतिकता के अनुकूल नहीं है, जिस कारण चेतन इस विचार को स्वीकार नहीं करता है ।अतः संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस संघर्ष को अचेतन में दबाकर व्यक्ति चिंता दूर करता है।
(2)शमन(Suppression)- दमन तथा सम्मान में अंतर यह है कि दमन की स्थिति में कष्टदायक विचार स्वयं ही अचेतन में चले जाते हैं जबकि समन की स्थिति में कष्टप्रद विचार या इच्छा को जानबूझकर अचेतन में प्रविष्ट कराया जाता है।
उदाहरण- जब कोई स्त्री विधवा हो जाती है तो वह अपने पति की मृत्यु की याद को अपनी चेतना से दूर करने का प्रयास करती है।
(3)प्रतिगमन(Regression)- वापस जाना। जब व्यक्ति स्वयं को चारों ओर से घिरा पाता है तो वह अपने उस शैशवकाल की ओर लौट आता है जहां यह सब चिंताएं नहीं थी। प्रतिगमन की स्थिति में एक परिपक्व व्यक्ति आप परिपक्व व्यवहार करने लगता है ।
उदाहरण-प्रौढ़ युवती इसलिए आंसू बहाती है क्योंकि बचपन में आंसू बहा कर वह मम्मी से बहुत सी बातें बनवा लिया करती थी।
(4) आत्मीकरण(Identification)- दूसरे व्यक्ति के गुणों को अपने व्यक्तित्व में ग्रहण करने की कला को आत्मीकरण कहते हैं।
उदाहरण -एक व्यक्ति देवानंद से आत्मीकरण कर उसी की तरह बाल रखना या बोलना प्रारंभ कर देता है।
(5)युक्तिकरण(Rationalization)- इस युक्ति के द्वारा व्यक्ति अपनी कमियों तथा असफलताओं को उचित करार देने के लिए तर्क प्रस्तुत करता है जैसे पैसा ना होने पर बच्चे को यह कहकर समझा दिया जाता है कि यह जलेबी ठीक नहीं है।
(6)क्षतिपूर्ति(Compensation)- हीनता की भावना से सुरक्षा पाने के लिए किसी दूसरे क्षेत्र में श्रेष्ठता का विकास करने की प्रक्रिया क्षतिपूर्ति कहलाती है।
उदाहरण -पढ़ाई में कमजोर छात्र खेल में अच्छा प्रदर्शन करके पढ़ाई की हीनता की क्षतिपूर्ति करता है।
(7)प्रक्षेपण(Projection)- अपने दोषों ,कमियों को दूसरों के सर पर थोप देना प्रक्षेपण कहलाता है।
उदाहरण -परीक्षा में असफल होने पर छात्र पेपर का आउट ऑफ कोर्स होना बताता है।
(8) उन्न्यन(Sublimation)- इस युक्ति के द्वारा व्यक्ति अपनी असामाजिक इच्छाओं के मार्ग को बदलकर सामाजिक मार्ग पर ले आता है, जैसे -प्रेमिका को प्राप्त करने में असफल एक व्यक्ति अच्छा मूर्तिकार बन जाता है।
(9)प्रतिक्रिया निर्माण(Reaction Formation)- जब कोई इच्छा दमित हो जाती है तो अहं उसे दोबारा आने से रोकता है तथा व्यक्ति ऐसी स्थिति में विपरीत व्यवहार करता है जैसे धनी नहीं बनने पर गरीबों की प्रशंसा करना।
(10) रूपांतरीकरण (Conversation)- दैनिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बीमार पड़ जाना चाहता है और फिर वह व्यक्ति वास्तव में बीमार पड़ जाता है।
(11)दिवा-स्वप्न(Day-Dreaming)- यह एक प्रकार से काल्पनिक दुनिया में हमारी इच्छाओं की पूर्ति कर आता है जिसे हम ख्याली पुलाव या हवाई किले बनाना कहते हैं।
(12)पलायन(Withdrawal)- व्यक्ति जब किसी भयानक परिस्थिति का सामना करने में स्वयं को अक्षम मानता है तो वह उससे पलायन करना ही उचित समझता है।
(13)अस्वीकृत(Denial)- कुछ व्यक्ति दुखद बातों को सुनकर ऐसा व्यवहार करते हैं मानो उन्होंने उन बातों को सुना ही ना हो।
Friday, February 11, 2022
Wednesday, February 9, 2022
Adjustment(समायोजन):-
समायोजन का अर्थ:-समायोजन(सम+आयोजन)मतलब सुव्यवस्थित ढंग से परिस्थितियों के साथ अनुकूलन की प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है तथा मानसिक द्वंद उत्पन्न नही होने पाता है।
गेट्स व अन्य-"समायोजन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने वातावरण के बीच संतुलित संबंध रखने के लिए अपने व्यहवार में परिवर्तन करता है।"
"Adjustment is a continual process,by which a person varies his behavior to produce a more harmonious relationship between himself and his environment."_Gates&Others
सुसमायोजित व्यक्ति के लक्षण(Characteristics of Well-Adjusted Person:-
"संक्षेप में सुसमायोजित व्यक्ति वह है जिसकी आवश्यकताएं एवं तृप्तियां सामाजिक दृष्टिकोण तथा सामाजिक उत्तरदायित्व की स्वीकृति के साथ संगठित हों।"
"In short,the well adjusted person is one,whose needs and satisfactions in life are integrated with a sense of social feeling and an acceptance of social responsibility."
कुसमायोजित व्यक्ति के लक्षण(Characteristics of Maladjustmented Person):-कुसमायोजित व्यक्ति मानसिक द्वंद एवं कुंठा से युक्त होता है।
स्किनर के अनुसार-"समायोजन एक अधिगम प्रक्रिया है"
मानसिक रोग:-
1.तनावTension):-जब व्यक्ति समय की मांग के अनुरूप व्यहवार न करने की स्थिति में व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है।
2.दुश्चिंता(Anxiety):-व्यक्ति की अधूरी इच्छायें स्वतः ही अचेतन मन में चली जाती हैं जो फिर चेतन मन में आने के लिये प्रयासरत रहती है।चेतन और अचेतन मन के मध्य इसी संघर्ष मय स्थिति को दुश्चिंता कहते है।
3.दबाव(Stress):-दबाब एक संकट की स्थिति है, जिससे उबरने के लिये व्यक्ति अपनी सारी ऊर्जा को लगा देता है"।
4. भग्नासा/कुंठा₹Frustration):-बार-बार प्रयत्न करने के बाद भी व्यक्ति जब असफल हो जाता है तो उसमें निराशा की भावना पैदा हो जाती है जिसे भग्नासा या कुण्ठा कहते है।
5.द्वंद्व या संघर्ष(Conflict):-जब दो प्रतिकूल अवसर उत्पन्न हो जाते हैं तथा चयन किसी एक का करना होता है तो मस्तिष्क में संघर्ष उत्पन्न हो जाता है।
Q1.किशोरों में द्वन्द्व उभरने का कारण-
(1)निराशा (2)समायोजन का अभाव
(3)अवसरों की प्रतिकूलता (4)पीढ़ियों का अंतर
Q2.समायोजन की प्रक्रिया है-
(1)स्थिर (2)गतिशील
(3)स्थानापन्न (4)सभी
Q3.कुसमायोजित बालक का लक्षण है-
(1)विद्यालय से भाग जाना (2)आक्रमणकारी व्यहवार
(3)एकान्तवासी (4)सभी
Q4.एक समायोजित व्यक्ति की विशेषता नही होती है- (1) उत्तरदायित्व की स्वीकृति (2)उचित संवेगों का प्रदर्शन
(2 )व्यक्तिक उद्देश्यों का प्रदर्शन (4) दूसरों के साथ संबंध बनाने की योजना
Q5.माता-पिता की नकारात्मक मनोवृत्ति से लक्ष्य पर नहीं पहुँचने की कुण्ठा है-
(1)व्यक्तिगत कुण्ठा (2)पर्यावरण कुण्ठा
(3)संघर्ष उत्पन्न करना (4)सभी
Q6. सभी आक्रामक व्यवहार कुंठा से उत्पन्न होता है परंतु सभी तरह के कुंठा से आक्रामक व्यवहार उत्पन्न नहीं होता है यह है-
(1) स्वतंत्रता प्राकल्पना (2)कुण्ठा-आक्रामकता प्राकल्पना
(3)ग्रीन प्राकल्पना (4)कोई नही
Q7. कुसमायोजन का कारण नहीं है-
(1)कुंठा (2)गरीबी
(3)शारीरिक बनावट (4)भागने की प्रवृत्ति
Q8 कुसमायोजित बालक के साथ शिक्षक का व्यवहार नहीं होना चाहिए-
(1)प्रेम व सहयोगात्मक (2)कारणों का पता लगाकर समाधान
(निदानात्मक (4)दमनात्मक
Q9. मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति किस दुनिया में रहता है?
(1)मूल्यों की दुनियां में (2)आदर्शों की दुनिया में
(3)वास्तविक दुनिया में (4)कल्पना की दुनिया मे
Q10. मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में कौन सी विशेषता नहीं होती है?
(1)आशावादी (2)निराशावादी
(3)लगनशील (4)प्रायोगिक
Answer key-
1.(3) 2.(2) 3.(4) 4.(3) 5.(2) 6.(2) 7.(4) 8.(4) 9.(3) 10.(2)
Tuesday, February 8, 2022
Mental health( मानसिक स्वास्थ्य)
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ( meaning of Mental Health):- मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के द्वारा समायोजन करने की योग्यता का परिणाम होता है।
ड्रेवर के अनुसार-"मानसिक आरोग्यता का अर्थ मानसिक स्वास्थ्य के नियमों की खोज करना तथा उसे बनाये रखने के उपाय करने से है।"
Mental hygiene means investigation of the laws of mental health and the taking of measures for its preservation._Ddever
मानसिक आरोग्यता का अर्थ (meaning of mental hygiene):- मानसिक आरोग्यता एक ऐसा साधन है जिसका साध्य मानसिक स्वास्थ्य है। मानसिक आरोग्यता के विज्ञान की सहायता से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने, व्यक्ति को मानसिक समायोजन से बचाए रखना तथा मानसिक रोगों का उपचार करने के उपाय किए जाते हैं।
मानसिक आरोग्यता के उद्देश्य (aims of of mental hygiene):-
1. मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना maintenance of Mental Health)
2. मानसिक रोगों तथा विकारों की रोकथाम करना (prevention of of mental disease or disorder)
3. मानसिक रोगों का उपचार करना (treatment of mental disorders)
अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण(Characteristics of Good Mental Health):-
1. संतुलित एकीकृत तथा समन्वित विकास(Balanced, Integrated and Harmonious Development)
2. नियमित दिनचर्या(Regular Life)
3.समायोजन योग्यता(Ability to Adjustment)
4.संवेगात्मक परिपक्वता(Emotional Maturity)
5. आत्मविश्वास(Self Confidence)
6.सहनशीलता(Tolerence)
7.निर्णय करने की योग्यता(Ability to Decide)
8.वास्तविकता की स्वीकृति(Acceptance of Reality)
9.आत्ममूल्यांकन की क्षमता(Capacity of self Evaluation)
10.कार्य संतुष्टि(Work Satisfaction)
मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Mental Health):-
1.वंशानुक्रम(Heredity):-कभी-कभी बालक वंशानुक्रम में अपने पूर्वजों से कुछ मानसिक विकारों को प्राप्त करता है।
2.शारीरिक स्वास्थ्य(Physical Health):-शारीरिक दृष्टि से अस्वस्थ,रोगी या कमजोर व्यक्तियों में नई परस्थितियों से समायोजन करने की क्षमता प्रायः कम होती है।
3.शारीरिक विसंगतियां(Physical Defects):-जन्मजात अथवा दुर्घटना के कारण आई शारीरिक विसंगतियाँ भी मानसिक समायोजन में कठनाई उत्पन्न करती है।
4.परिवार का वातावरण(Family Environment):-बालक के विकास में परिवार का प्रत्येक पक्ष अपनी भूमिका निभाता है।
5.समाज(Society):-बालक के मानसिक स्वास्थ्य पर समाज का प्रभाव पड़ना स्वभाविक है।
6.विद्यालय(School):-विद्यालय का वातावरण से लेकर जितनी भी गतिविधियां है उन सभी से बालक प्रभावित होता है।
Monday, February 7, 2022
TET,SUPER TET,CTET,UGC NET MCQ
Q1. "बच्चों में नैतिक व्यवहार को सीखने का मुख्य आधार प्रेक्षण है "यह मत निम्न में से किस सिद्धांत का है?
(1) सामाजिक अधिगम सिद्धांत(2) मनोविश्लेषण सिद्धांत
(3) जीन पियाजे का नैतिक विकास का सिद्धांत(4) लारेंस कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत
Q2. पियाजे के अनुसार औपचारिक संक्रिया की अवस्था है-
(1)11 वर्ष से वयस्कावस्था (2)12वर्ष से वयस्कावस्था
(3)13 वर्ष से वयस्कावस्था (4)14वर्ष से वयस्कावस्था
Q3. अधिगम के संज्ञानात्मक क्षेत्र सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया?
(1) कोहलर (2) सी.एल.हल
(3) कर्ट लेविन (4)बी.एफ.स्किनर
Q4. "व्यक्ति अपनी गलतियों से सीखता है ।"यह कथन अधिगम के किस सिद्धांत पर आधारित है?
(1) यांत्रिक अनुबंध। (2) शास्त्रीय अनुबंध
(3)अन्तर्दृष्टि (4)प्रयास एवं त्रुटि
Q5. निम्नांकित में से किसने किशोरावस्था से संबंधित अध्ययन किए?
(1) थार्नडाइक (2) स्टैनले हॉल
(3) बिगे व हंट (4) आइजेक
Q6. विकास के संबंध में कौन सा कथन गलत है?
(1) यह परिपक्वता तक चलता है(2) यह गर्भावस्था से प्रारंभ हो जाता है(3) यह परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम है(4) यह एक सतत प्रक्रिया है
Q7 .अधिगम प्रक्रिया में समस्यात्मक परिस्थिति का प्रत्यय किसने दिया?
(1) स्किनर (2) कार्ल रोजर
(3)गिल्फोर्ड (4)कोहलर
Q8. थार्नडाइक के अनुसार निम्न में से कौन सा अधिगम का गौण नियम है?
(1)अभ्यास का नियम (2)मनोवृत्ति का नियम
(3)क्रिया प्रसूत अनुबंधन (4)अन्तरनोद न्यूनीकरण सिद्धान्त
Q9. निम्नलिखित में से कौन-सी अधिगम की सर्वाधिक प्रभावशाली विधि है?
(1)करके सीखना (2)व्याख्यान
(3)स्मृति (4)कंप्यूटर द्वारा सीखना
Q10. समायोजन की प्रक्रिया में कौन सा लक्षण पाया जाता है?
(1)संवेगात्मक अस्थिरता (2)कुंठा
(3)तनाव (4)साहसी एवं समस्या समाधान युक्त व्यहवार
Answer key-
Q1.(1) 2.(2) 3.(3) 4.(4) 5.(2) 6.(1) 7.(4) 8.(2) 9.(1) 10.(4)
Sunday, February 6, 2022
Bandura's Social Learning Theory( बंडूरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत)
बंडूरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत-
उपनाम-अप्रत्यक्षात्मक अधिगम(Vicarious Learning),अवलोकनात्मक अधिगम(Indirect Experiences)
प्रतिपादक:- अल्बर्ट बंडूरा
निवासी:-कनाडा
जन्म:-1925(4Dec.)
सिद्धान्त दिया:-1977में
-बंडूरा द्वारा किए गए प्रयोग:-बेबीडॉल,जीवित जोकर(फ़िल्म)
-सामाजिक अधिगम का अर्थ:- दूसरों को देखकर उनके अनुरूप व्यवहार करने के कारण व दूसरों के व्यवहार को अपने जीवन में उतारने तथा समाज द्वारा स्वीकृत व्यवहारों को धारण करने तथा अमान्य व्यवहारों को त्यागने का कारण ही सामाजिक अधिगम कहलाता है।
-इस सिद्धांत में अनुकरण द्वारा ही सीखा जाता है
बंडूरा ने अपने सिद्धांत में 4 पद बताए हैं-
1.अवधान:- निरीक्षणकर्ता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मॉडल आकर्षक लोकप्रिय रोचक व सफल होना चाहिए।
2.धारण:- व्यक्ति व्यवहारों को अपने मस्तिष्क में प्रतिमानों के रूप में व शाब्दिक वर्णन के रूप में ग्रहण कर लेता है।
3.पुनः प्रस्तुतिकरण:- जिसको हम ध्यान से देख कर धारण करते हैं और धारण करने के बाद मैं उसे पुनः प्रस्तुतीकरण करेंगे।
4.पुनर्बलन: जहां सकारात्मक पुनर्बलन मिलने पर हम उस कार्य को दोबारा करेंगे और नकारात्मक पुनर्बलन मिलने पर हम उस कार्य को पुनः नहीं करेंगे।
- प्रथम इस फिल्म में बालक को सामाजिक मूल्य आधारित पहलू दिखाए गए जिसे देखकर बालक बेबी डॉल के साथ सामाजिक व्यवहार दर्शाता है
- दूसरी यह फिल्म प्रेम पर आधारित थी जिसे देखकर बालक बेबी डॉल से स्नेह करता है उसे सहलाता है।
- तीसरी यह फिल्म हिंसात्मक दृश्य युक्त थी जिसे देखकर बालक गुड़िया की गर्दन को तोड़ देता है।
सामाजिक अधिगम के कारक-(1) अभिप्रेरणा(2)स्वनियंत्रण(3)स्वविवेक(4)स्वनिर्णय(5) स्वानुक्रि सामाजिक अधिगम का शैक्षिक महत्व-
(1) शिक्षक छात्रों के सामने आदर्श विहार वाले मॉडल प्रस्तुत करें।
(2) बुरे व्यवहार उपस्थिति ना होने दें।
(3) स्व नियंत्रण की विधि अपनाएं।
Saturday, February 5, 2022
Hierarchy of Learning(अधिगम सोपानिकी)
-रॉबर्ट गेने(Robert Gagne) नामक मनोवैज्ञानिक ने अधिगम की प्रकृति को समझने के लिए अधिगम सोपानिकी नामक शवदावली का प्रयोग किया।
-गेने ने अधिगम सोपानिकी को आठ प्रकार का बताया:-
1.संकेत अधिगम(Signal Learning)-संकेत अधिगम को क्लासिकल अनुबंधन भी कहा जाता है।
2.उद्दीपक-अनुक्रिया अधिगम(Stimulus Response Learning)-यह अधिगम स्किनर के क्रियाप्रसूत अनुबंधन(Operant Conditioning)पर आधारित है।
3.श्रृंखला अधिगम(Chain Learning)-इसे क्रमिक अधिगम भी कहते है।श्रृंखला अधिगम शाब्दिक अशाब्दिक दोनों होते है।
4.शाब्दिक अधिगम (Verbal Learning)-इसे भाषा शिक्षण में अधिक प्रयोग किया जाता है।
5.बहु विभेदन अधिगम(Multiple Discrimination Learning)-इस दशा में अवबोध स्तर के शिक्षण को उपयुक्त माना जाता है।
6.प्रत्यय अधिगम(Concept Learning)-इसके लिए शिक्षकों को अवबोध स्तर पर शिक्षण की आवश्यकता होती है।केण्डलर ने इस अधिगम को प्राथमिकता प्रदान की है।
7.सिद्धान्त अधिगम(Principle Learning)-यहाँ पर शिक्षण चिंतन स्तर पर किया जाना आवश्यक है।
8.समस्या-समाधान अधिगम(Problem Solving Learning)-यह अधिगम भी चिन्तन स्तर शिक्षण के द्वारा सम्पन्न होता है।
Q1.गेने के अनुसार,निम्नलिखित में कौनसा अधिगम का प्रकार नही है-
(1)उद्दीपन-अनुक्रिया (2)सम्प्रत्यय
(3)समस्या-समाधान (4)अन्वेषण
Q2."शिक्षण का तातपर्य है अधिगम की दशा को व्यवस्थित करना जो कि अधिगमकर्ता की बाह्यता से संबंधित है।" शिक्षण को इस तरह किसने परिभाषित किया?
(1)रॉबर्ट एम.गेने (2)एन. एल.गेज
(3)विलियम एन. बर्टन (4)जान ब्रूबेकर
Q3.गेने के अनुसार सीखने का सबसे उच्च स्तर कौनसा है?
(1)संप्रत्यय अधिगम (2)समस्या समाधान
(3) श्रृंखला। (4)संकेत अधिगम
Q4.रॉबर्ट गेने के अनुसार, निम्न में से कौनसा अधिगम का प्रकार नही है?
(1)अंतदृष्टि अधिगम (2) संकेत अधिगम
(3) प्रत्यय का अधिगम (4)उद्दीपक-अनुक्रिया अधिगम
Q5.'संकेत अधिगम जो गेने के सीखने के' को सामान्यतया जाना जाता है-
(1)साहचर्य अधिगम (2)उद्दीपन-अनुक्रिया अधिगम
(3)श्रंखला अधिगम (4)परंपरागत संबद्धता अधिगम
Q6.रॉबर्ट गेने ने अधिगम की कितनी परस्थितियों का वर्णन किया है?
(1)5 (2)7 (3)8 (4)6
Q7.श्रृंखला अधिगम संबंधित है?
(1)टॉलमैन (2)गेने
(3)थार्नडाइक। (4)ब्रूनर
Q8.गेने की अधिगम परस्थितियों में सबसे सरलतम प्रारुप है-
(1)संकेत अधिगम (2)प्रत्यय अधिगम
(3)अधिनियम अधिगम (4)उपर्युक्त सभी
Q9.समस्या -समाधान अधिगम का प्रत्यक्ष सम्बन्ध है-
(1)चिंतन स्तर से (2)स्मृति स्तर से
(3)अवबोध स्तर से (4)उपरोक्त में से कोई नही
Q10.बहुभेदीय अधिगम का तुलनात्मक संबंध है-
(1)अवबोध स्तर से (2)चिंतन स्तर से
(3)ज्ञान स्तर से (4)स्मृति स्तर से
Ansewr key-
(1).4 (2).1 (3).2 (4).1 (5).4 (6).3 (7).2 (8).1 (9).1 (10).1
Thursday, February 3, 2022
TET,NET and PGT MCQ
Test Paper 1 MCQ
Q1.Which of the following is the correct sequence of "Motivational cycle"?
(1)Drive-Need-Incentive (2)Need-Drive-Incentive
(3) Incentive-Need-Drive (4)Drive-Incentive-Need
Q2.Motives are classified as-
(1) Natural and artificial (2)Less Important and more important (3)Inborn and acquired (4)Motives and incentives
Q3.All of the following are acquired or social motives except-
(1)Instincts (2)Need for achievement
(3)Need for affiliation (4)Need for Power
Q4.All of the following are approaches or theories of motivation except-
(1)Multi-factor theory (2)Instinct theories
(3)Drive theories (4)Need hierarchy theory
Q5.Who of the following is not associated with
Instinct theory of motivation?
(1) William James (2)Woodworth
(3)Freud. (4) Mc Dougall
Q6.Who said that behaviors of human beings are motivated and controlled by the instincts of Eros and Thanatos ?
(1)Mc Dougall (2) William James
(3)Freud. (4) Woodworth
Q7.Motivation to S-R associationists is a-
(1) Dynamic concept (2) Mechanical concept
(3) Phenomenological concept (4) Meaningless concept
Q8.Motive is a-
(1) General trait. (2) Specific trait (3)Desire (4) Particular condition of human organism
Q9.A motive or drive leads an organism to behaviour that is-
(1) Adaptive (2)Pleasure-seeking
(3)Goal-directed (4)Pain-avoiding
Q10.Physiological theory of motivation was developed by-
(1)Hull. (2)Spence
(3)Morgan (4) Maslow
Answer- 1.(2) 2.(3) 3.(1) 4.(1) 5.(2) 6.(3) 7.(2)
8.(3) 9.(3) 10. (3)
Wednesday, February 2, 2022
Lewin's Field Theory(लेविन का क्षेत्र सिद्धान्त)
प्रतिपादक-कर्ट लेविन(Kurt Lewin)1917 में
सिद्धान्त का उपनाम-संज्ञनात्मक क्षेत्र सिद्धान्त(Cognitive Field Theory), टोपोलॉजिकल मनोविज्ञान(Topological Psychology), वैक्टर मनोविज्ञान(Vector Psychology)
अर्थ:-क्षेत्र सिद्धान्त मानव व्यवहार और वातावरण दोनों का प्रतिफल है।
B=f(P×E)जिसमें B को व्यवहार(Behaviour),P को व्यक्ति(person)तथा E को वातावरण(Enviornment) है।
-E मनोवैज्ञानिक वातावरण है।f का मतलब है प्रक्रिया(function)
-लेविन ने अधिगम क्रिया में मनोवैज्ञानिक वातावरण तथा प्रेरणा को विशिष्ट महत्व दिया है।
-लेविन ने अधिगम के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्त करने तथा लक्ष्य तक पहुँचने का उपाय भी बताया है।
-लेविन अधिगम को वातावरण का संगठन मंटा मानता है तथा वह अधिगम में पुरस्कार व दण्ड को अधिक महत्व देता है।
-वह अभिप्रेरण(Motivation)को महत्व देता है।
लेविन ने अधिगम के आधारों में निम्न को अधिक महत्व दिया-
1.आकांक्षाओं का स्तर(Level of Aspiration)-
2.आकर्षक उद्देश्य(Goal Attractiveness)
3.स्मृति की गति(Dynamics of Memory)
4.पुरुस्कार और दण्ड(Reward and Punishment)-इस सिद्धांत को "तलरूप सिद्धान्त"(Topology of Field Theory)भी कहा जाता है।
-इस सिद्धान्त के अनुसार शिक्षक को कक्षा का वातावरण अधिगम के लिए उपयुक्त बनाना चाहिए क्योंकि अच्छा वातावरण अनेक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर देता है।
Tolman's Theory of Learning (टॉलमेन का अधिगम सिद्धान्त):-
प्रतिपादक-एडवर्ड चेस टॉलमैन (Edward Chace Tolman)-1932में।
उपनाम:-चिन्ह सिद्धान्त(Sign Theory),चिन्ह अधिगम सिद्धान्त(Sign Learning Theory),चिन्ह-गेस्टाल्ट सिद्धान्त(Sign-Gestalt Theory),प्रत्याशा सिद्धान्त(Expectancy Theory),उद्देश्य सिद्धान्त (Purposive Theory)।
-टालमैन ने व्यवहारवादियों की तरह से व्यवहार को छोटी-छोटी इकाइयों में विभक्त करने के स्थान पर उसका समग्र रूप में अध्ययन करने पर बल दिया तथा व्यवहार को उद्देश्यपूर्ण माना है।
-टॉलमैन ने न्यूनतम प्रयास का नियम(Principle of Least Effort)-लक्ष्य पर पहुँचने के लिए उपलब्ध विभिन्न रास्तों में से प्राणी सबसे छोटे रास्ते को ही अपनाता है।
Supreme Court of India
1.भारत का संघीय न्यायालय की स्थापना 1अक्टूबर,1937 को भारत सरकार अधिनियम,1935 के तहत की गयी थी।इसके प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर मौरिस ग्वेयर थे।...