Wikipedia

Search results

Monday, February 21, 2022

TRAIT THEORY OF PERSONALITY / व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त

TRAIT THEORY OF  PERSONALITY / व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त 

व्यक्तित्व के शील गुणों के आधार पर  दो प्रमुख सिद्धान्त इस प्रकार हैं - 

1 - G . W Allport  का शील गुण सिद्धान्त 

2- R.B Cattell का शील गुण सिद्धान्त 

1- G W Allport का शील गुण सिद्धान्त -

आलपोर्ट ने शील गुणों को दो भागों में बांटा है -

A - सामान्य शील गुण ( Common Traits) - 

  • ऐसे शील गुण जो किसी समाज / संस्कृति के अधिकांश व्यक्तियों में पाये जाते हैं ।
  • इन्हे सरलता से ज्ञात किया जा सकता है ।

B - व्यक्तिगत शील गुण ( Personal Traits)- 

  • ये शील गुण जो बहुत कम व्यक्तियों में पाये जाते हैं ।
  • इनका अध्ययन बहुत कठिन होता है ।
आलपोर्ट ने व्यक्तिगत शील गुणों की तीन प्रवृत्तियाँ बताई हैं -

1- प्रमुख प्रवृत्ति ( Cardinal Disposition )-  

  • वे प्रमुख व प्रबल शील गुण जो छिपाए नही जा सकते एवं व्यक्ति के व्यवहार से परिलक्षित हो जाते हैं । 
  • जैसे - सत्य ,अहिंसा  में प्रबल विश्वास होना । 

2- केन्द्रीय प्रवृत्ति ( Central Disposition) - 

  • वे शील गुण जो व्यक्ति में अधिक सक्रिय रहते हैं एवं अधिकांश व्यवहारों मे दिखाई देते हैं । 
  • प्रत्येक व्यक्ति मे 5-10 ऐसे शील गुण होते हैं 
  • केंद्रीय प्रवृत्ति के शील गुण ही व्यक्तित्व की रचना करते हैं । 
  • जैसे - आत्मविश्वास ,समाजिकता , उत्साह ,व्यवहार कुशलता आदि । 

3- गौण प्रवृत्ति ( Secondary Disposition ) - 

  • ये शील गुण कम महत्वपूर्ण व कम संगत होते हैं तथा व्यवहार में कभी - कभी परिलक्षित होते हैं ।  
  • इनकी सहायता से व्यक्तित्व की ब्याख्या संभव नही होती है । 

स्मरणीय बिन्दु -  एक शील गुण जो एक व्यक्ति के लिए केंद्रीय प्रवृत्ति का है वही शील गुण दूसरे व्यक्ति के लिए गौण प्रवृत्ति या प्रमुख प्रवृत्ति का हो सकता है । 

अपनापन (PROPRIUM) - उत्पत्ति =लैटिन शब्द Proprius  = अपना / Own 

आलपोर्ट के अनुसार व्यक्तित्व में शील गुणों के समन्वय ( Integration ) व संगतता ( Consistency ) का भाव  समाहित होता है जिसे अपनापन ( Proprium) कहा जाता है । 

अपनेपन (Proprium ) की अवस्थाएँ - ( शैशववस्था से किशोरावस्था तक )

  • 1-3 वर्ष - शारीरिक स्व ,स्व पहचान ,स्व मान 
  • 4-6 वर्ष - स्व विस्तार , स्व प्रतिमा 
  • 6-12 वर्ष - तार्किक अनुकूलन 
  • 12-18 वर्ष - उपयुक्त प्रयास 
  • किशोरावस्था में Proprium का पूर्ण विकास हो जाता है । 

  • व्यक्तित्व जन्मजात न होकर परिस्थितियों से प्रभावित होकर विकसित होता है । 

3 comments:

Anonymous said...

Great post sir thanks for this.

Anonymous said...

Great post sir thank you very much ����

mukesh yadav said...

Excellent post

Supreme Court of India

1.भारत का संघीय न्यायालय की स्थापना 1अक्टूबर,1937 को भारत सरकार अधिनियम,1935 के तहत की गयी थी।इसके प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर मौरिस ग्वेयर थे।...