अधिगम के सिद्धांत:-
1- व्यवहारवादी सिद्धान्त(Behaviorist Theories)
2-संज्ञानात्मक सिद्धान्त(Cognitive Theories)
व्यवहारवादी सिद्धान्त/उद्दीपक-अनुक्रिया सिद्धान्त(Stimulus-Response Theory):ये दो प्रकार के होते है
1-उद्दीपक-अनुक्रिया पुनर्बलन सिद्धान्त(S-R Theories with reinforcement)-थार्नडाइक,पावलव,स्किनर,हल तथा मिलर आदि के सिद्धान्त
2-उद्दीपक-अनुक्रिया अपुनर्बलन सिद्धान्त((S-R Theories without reinforcement)-वाटसन,गुथरी ऐस्ट्स आदि के सिद्धांत।
संज्ञनात्मक सिद्धान्त(Cognitive Theories):
1-क्लासिकल संज्ञानात्मक सिद्धान्त(Classical Cognitive Theory):वर्दीमर,कोहलर,कोफ़्का लेविन,पियाजे, आदि के सिद्धांत
2-आधुनिक संज्ञानात्मक सिद्धान्त(Modern Cognitive Theory):ब्रूनर,आसुबेल ,Bandura,वॉल्स आदि के सिद्धान्त
थार्नडाइक का सम्बन्धवाद सिद्धान्त(Thorndike's Theory of Connectionism):इस सिद्धान्त के अनुसार जब कोई उद्दीपक प्राणी के समक्ष उपथिति होता है तब वह उसके प्रति प्रतिक्रिया करता है।प्रतिक्रिया के सही अथवा संतोषजनक होने पर उसका संबंध उस विशेष उद्दीपक से हो जाता है जिसके कारण प्रतिक्रिया की गई है।
-पशुमनोविज्ञान का जनक थार्नडाइक है।
-शिक्षा मनोविज्ञान के जनक थार्नडाइक है।
-तुलनात्मक मनोविज्ञान के जनक थार्नडाइक है।
-थार्नडाइक ने सीखने के कुल 8 सिद्धान्त बताये जिनमे 3 मुख्य नियम और 5 गौण नियम है।
-3 प्रमुख नियम:
1-अभ्यास का नियम(Law of Exercise):करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
- उपयोग का नियम:-यदि कोई कार्य पहले किया हुआ है और जब उसको पुनः किया जाता है तो वह हमारे मष्तिष्क में पुनः आ जाता है।
- अनुपयोग का नियम यदि किये गए कार्य को पुनः नही करते है तो हमारा मस्तिष्क उसे भुला देता है।
2-तत्परता का नियम(law of Readiness):तत्परता के नियम को तैयारी ,प्रेरणा के नियम के नाम से भी जाना जाता है।यह ज्ञात से अज्ञात के नियम पर कार्य करता है।जैसे घोड़े को पानी के लिए तालाब तक ले जाया जा सकता है लेकिन पानी पीने के लिए बाध्य नही किया जा सकता क्योंकि घोड़ा पानी पीने के लिए तत्पर नही है।
3-प्रभाव का नियम(Law of Effect):यदि किसी कार्य को करने पर हमें संतोष प्राप्त होता है तो हम उस कार्य को पुनः करेगें और यदि कार्य को करने से असंतोष होता है तो उस कार्य को दोबारा नही करेगें।
गौण नियम:-
1-बहुप्रतिक्रिया का नियम(Law of multiple-response):-वांछित सफलता प्राप्ति तक प्राणी के द्वारा किये गए विभिन्न प्रयास।
2-मनोवृति का नियम(law of Mental Set):-इस नियम से मनुष्य की सीखने की प्रक्रिया व्यक्ति के समग्र द्रष्टिकोण के अनुसार चलती है।
3-आंशिक क्रिया का नियम(Law of Partial Activity):-किसी कार्य को छोटे-छोटे भागों में बाँटकर किया जाता है तो उस उस कार्य मे सफलता अधिक मिलती है।
4-आत्मीकरण का नियम(Law of Analogy):-कोई नया कार्य करने पर किसी पुराने किये गए कार्य का ज्ञान नये ज्ञान में मिला देना।
5-सहचर्यात्मक रूपांतरण का नियम(Law of Associative Shifting):-क्रिया का रूप तो वही रखा जाता है लेकिन परस्थितियों में परिवर्तन कर दिया जाता है।
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