- शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धान्त का प्रतिपादन रूसी वैज्ञानिक शिक्षाशास्त्री ईवान पी.पॉवलव ने 1904 में किया था।
- इस सिद्धान्त को अनुकूलित-अनुक्रिया,संबंध प्रतिक्रिया, प्रतिस्थापन अधिगम व अनुबन्ध अधिगम के नाम से जाना जाता है।
- बर्नाडे के अनुसार,"अनुकूलित-अनुक्रिया उत्तेजना(Stimulus)को बार-बार दोहराने के फलस्वरूप व्यहवार का स्वचालन है।"
- शास्त्रीय अनुबंधन प्रक्रिया का प्रारम्भ किसी विशेष उद्दीपक द्वारा कोई निश्चित अनुक्रिया उत्पन्न करके किया जाता है।
- शास्त्रीय अनुबंधन में वांछित व्यहवार अथवा अनुक्रिया उत्पन्न करने में उद्दीपक(Stimulus)की केंद्रीय भूमिका रहती हैं।इस कारण इसे उद्दीपक जनित अनुबंधन(S type conditioning )कहते हैं।
- शास्त्रीय अनुबंधन अनुक्रिया व्यहवार सम्बन्धी अधिगम में सहायक सिद्ध होता है।
- लगभग सभी आदतों के निर्माण शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धान्त के के आधार पर किया जा सकता है।
- प्रयोग-कुत्ते पर
- U.C.S.-Unconditional Stimulus(स्वभाविक उद्दीपक भोजन)
- C.S.-Conditional Stimulus(अस्वाभाविक उद्दीपक-घंटी की आवाज)
- U.C.R.-Unconditional Response (स्वाभाविक अनुक्रिया-लार)
- C.R.Conditional Response (अस्वाभाविक अनुकूलित अनुक्रिया/अनुबंधन
- 1-अनुकूलन से पूर्व
- स्वभाविक उद्दीपक(भोजन)-U.C.S.(अनुबंधित उद्दीपक)Then result is स्वभाविक अनुक्रिया(लार)U.C.R(अनुबंधित अनुक्रिया)
- 2-अनुकूलन के दौरान अस्वभाविक उद्दीपक(घंटी )C.S.+ स्वाभाविक उद्दीपक(भोजन) U.C.S. Then result is स्वाभाविक अनुक्रिया(लार)U.C.R.(अनुबंधित अनुक्रिया)
- 3-अनुकूलन के बाद(अस्वाभाविक उद्दीपक(घंटी)C.S. then result is स्वभाविक अनुक्रिया(लार)C.R.(अनुबंधित अनुक्रिया-लार(C.R.) अनुबंधित अनुक्रिया व अनुकूलित अनुक्रिया
- नोट:-अनुकूलित अनुक्रिया का मतलब है-अस्वाभाविक उद्दीपक के प्रति स्वभाविक अनुक्रिया होना।
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Wednesday, January 26, 2022
TET,NET,PGT&Other Exam(Pavlov's Theory of Classical Conditioning)पावलव का शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धान्त:-
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